हरियाणा में मिले (BLACK FUNGUS)ब्लैक फंगस के दो अलग वेरियंट

source-the new indian express

दो प्रकार के ब्लैक फंगस पाया गया है हरियाणा में. दोनों प्रकार के अलग-अलग सिंगटम है और इलाज भी अलग-अलग है.

दो अलग तरीके क ब्लैक सोंग्स डिटेक्ट किया गया है Maharaja Aggression Medical College, Agroha, Hisar की लैब में.

दोनों दोनों के ट्रीटमेंट अलग है.ब्लैक फंगस के ये वेरियंट दो अलग-अलग असपरजिलोसिस और न्यूकोरमाइकोसिस हैं.

असपरजिलोसिस और न्यूकोरमाइकोसिस दो प्रकार के होते हैं फंगस.

असपरजिलोसिस फंगस सुस्त होता है. इस फंगस का बढ़ने की तरीका अलग है, यह फंगस इंसान के ब्रेन को इफेक्ट कर शक्ति है.

अलग-अलग तरीके कर ड्रग्स और इंजेक्शन इस्तेमाल किया जाता है जोकि मार्केट में अवेलेबल है इस फंगस के ट्रीटमेंट के लिए.

पर बाजार में न्यूकोरमाइकोसिस पंकज के ट्रीटमेंट के लिए जो फंगल ड्रग्स और इंजेक्शन लगते हैं उनका कमी है.

कैसे यह ब्लैक फंगस आक्रमण करता है :

असल में यह ब्लैक फंगस नाक से शरीर के अंदर जाती है और साइनस को बंद कर देती है.यह फंगस जिस नस को ब्लॉक करती है उसके टिश्यू तक खून पहुंचना रूक जाता है.

जिसके कारण उसने उस के कुछ हिस्से काले रंग का पड़ जाता है. और तो और यह फंगस इंसान के दिमाग तक भी पहुंच सकता है.

अगरोहा, के कुछ केस में देखा गया है कि यह फंगस इंसान के दिमाग में पहुंचा है और उस को नुकसान पहुंचाया है.

सिम्टम्स क्या है:

1. नाक कि कुछ सिंपम होता है, जैसे की नाक बंद हो जाना, नाक से खून निकालना.

2.साइनिस ब्लॉक हो जाती है इससे नाक के आसापास और चेहरे पर सूनापन आ जाता है.

3. यह संघर्ष आंखों के पीछे तक फैलती है, और आंख के कुछ हिस्से काले रंग का होने लगते हैं.

4.फंगस ब्रेन में चले जाते हैं और उसे खोखला कर देते हैं.

(information source-Danik Jagran)

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